पोषण पाठशाला में समझाई स्तनपान की अहमियत

वेब लिंक के जरिए आयोजित कार्यक्रम में स्तनपान की महत्ता के बारे में दिया संदेश

लखनऊ : प्रमुख सचिव बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की अध्यक्षता में वृहस्पतिवार को दोपहर 12 बजे से दो बजे के मध्य एन.आई.सी. के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग द्वारा प्रथम ’’पोषण पाठशाला’’ का आयोजन कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी सभागार में किया गया। कार्यक्रम की मुख्य थीम ’’शीघ्र स्तनपान-केवल स्तनपान’’ थी। कार्यक्रम का प्रसारण लाइव वेब लिंक https://webcast.gov.in/ up/icds के द्वारा किया गया। प्रथम पोषण पाठशाला में विभागीय अधिकारियों के अतिरिक्त विषय विशेषज्ञों वीरांगना अवंती बाई अस्पताल लखनऊ के वरिष्ठ सलाहकार (बाल रोग) डा0 सलमान, यूपीटीएसयू की नवजात व बाल स्वास्थ्य की निदेशक डा. रेनू एवं राम मनोहर लोहिया अस्पताल के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. मनीष द्वारा शीघ्र स्तनपान-केवल स्तनपान की आवश्यकता, महत्व, उपयोगिता आदि के सम्बन्ध में हिन्दी में विस्तार से चर्चा की गयी।

पोषण पाठशाला में चर्चा के दौरान जनपद लखनऊ से लाभार्थी गजाला, वंदना एवं सविता देवी द्वारा विषय विशेषज्ञों से प्रश्न पूछे गये। लखनऊ की गजाला ने पूछा कि मॉ के दूध से बच्चे का पेट न भरे तो उस स्थिति में मां को क्या करना चाहिए इस पर डा. सलमान द्वारा अवगत कराया गया कि अगर बच्चा जन्म के समय कम वजन का हुआ हो तभी बच्चा कमजोर होता है। मॉं को सभी चीजें खानी चाहिए। पीले रंग के फल अवश्य खाने चाहिए। एक दिन में अगर बच्चा 5-6 बार पेशाब करता है, तो सब कुछ सामान्य है। फिर भी अगर कोई समस्या हो तो डॉक्टर से परामर्श लें।

चिनहट की वंदना ने पूछा कि जन्म के कितने घंटे के अंदर दूध पिलाना चाहिए। इस संबंध में डा रेनू द्वारा बताया गया कि बच्चे के जन्म लेने के तुरंत बाद दूध पिलाएं। इसके अलावा धात्री माता बख्शी का तालाब की सविता ने पूछा कि छह महीने के बाद क्या बच्चे को खाने के साथ बच्चे को दूध पिला सकते हैं। इस सवाल के जवाब में डा. मनीष ने बताया कि छह माह के बाद दो साल तक बच्चे को दूध पिलाएं। कार्यक्रम में प्रसारण लाइव वेब लिंक के माध्यम से जनपद लखनऊ में 2182 आंगनबाड़ी कार्यकता एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकता तथा 39963 लभार्थियों एवं उनके अभिभावकों द्वारा प्रतिभाग किया गया तथा एन0आई0सी0 में कुल 42 लोगों ने प्रतिभाग किया, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी अश्विनी कुमार पाण्डेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज अग्रवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेन्द्र दुबे एवं जनपद के समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं मुख्य सेविका सम्मिलित थे।