संजय सक्सेना, लखनऊ
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए पार्टी 1 व 2 जून को लखनऊ में राज्य स्तरीय ‘नव संकल्प शिविर’ आयोजित करने जा रही है। शिविर में पार्टी की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ प्रदेश पदाधिकारी, जिला व शहर अध्यक्ष, पूर्व सांसद व विधायक, विधानसभा चुनाव-2022 व लोकसभा चुनाव-2019 के प्रत्याशी, फ्रंटल संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष, विभाग एवं प्रकोष्ठों के प्रदेश चेयरमैन व अध्यक्ष और मीडिया विभाग के प्रवक्ता शामिल होंगे।संकल्प शिविर में 2024 में लोकसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा होगी।कांगे्रस जिस तरह से यूपी में अपना जनाधार खोती जा रही है, उसको देखते हुए कांगे्रस के संकल्प शिविर को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।यह शिविर तब हो रहा है जब इसीमार्च में विधान सभा चुनाव में कांगे्रस खाली हाथ नजर आई थी। संसदीय राजनीति के लिहाज से यूपी में कांग्रेस शून्य की ओर बढ़ रही है। विधान परिषद में बचे एकमात्र सदस्य दीपक सिंह का कार्यकाल जुलाई में खत्म हो जाएगा। इसके बाद निकट भविष्य में पार्टी के किसी प्रतिनिधि का परिषद में पहुंचना मुमकिन नहीं है। विधानसभा में भी उसके केवल दो सदस्य हैं। प्रदेश की राजनीति में उसका वोट शेयर भी 2.5 फीसदी से नीचे आ गया है। यह अब तक के संसदीय इतिहास में सबसे कम है।2024 के लोकसभा चुनाव में कांगे्रस की स्थिति में सुधार के लिए संगठन में बड़े पैमानें पर बदलाव हो सकता है।
बहरहाल, उत्तर प्रदेश में कांगे्रस क्यों अपनी स्थिति सुधार पर रही हैहा है,इसी का आकलंन करने के लिए करने के लिए दिल्ली में प्रियंका गांधी एक और दो जून को वे सक्रिय कार्यकर्ताओं के साथ लखनऊ में मंथन करेंगी।विगत लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दरमियान खड़ी गई नई टीम बदलाव के संकेत हैं। अब सभी कमेटियों में नए और पुराने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारी इस अनुपात में 65रू35 रखे जा सकते हैं। इसी तरह 40 से 55 साल के पदाधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी। फिलहाल शिविर से प्रियंका गांधी के इर्द-गिर्द रहे उन लोगों को दूर रखा जाएगा जिनको लेकर स्थानीय कार्यकर्ताओं के मन में खटास है। इस संबंध में कांग्रेस के महासचिव, संगठन दिनेश कुमार सिंह ने पदाधिकारियों को पत्र भेजे हैं।संकल्प शिविर में कांगे्रस के पुराने दिग्गजों को भी आमंत्रित किया जा सकता है।